टोक्यो से लॉस एंजल्स तक: स्वर्ण की तलाश में रवि दहिया का नया सफर

रवि कुमार दहिया भारतीय कुश्ती का ऐसा चमकता सितारा हैं, जिनसे देश को ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्वर्ण पदक की उम्मीदें जुड़ी हैं। हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी में 12 दिसंबर 1997 को जन्मे रवि दहिया का कुश्ती से जुड़ाव उनके परिवार से ही रहा है।

उनके पिता राकेश दहिया किसान हैं, जबकि मां ऊर्मिला देवी और चाचा मुकेश दहिया कुश्ती से जुड़े हुए थे। यही पारिवारिक माहौल रवि के भीतर कुश्ती की विरासत को जन्म देता है, जिसे उन्होंने अपने अथक परिश्रम और समर्पण से वैश्विक स्तर पर सफल बनाया।

सिर्फ 10 साल की उम्र में रवि ने दिल्ली के प्रसिद्ध छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती प्रशिक्षण शुरू किया। घर से दूर प्रशिक्षण के दौरान उनके पिता रोजाना 39 किलोमीटर की दूरी तय कर ताजे दूध और फल लेकर उनके पास आते थे।

साभार : गूगल

यह देखभाल तब तक जारी रही जब तक रवि बड़े पहलवान के रूप में अपनी पहचान नहीं बना लेते। उनके पिता की यह निस्वार्थ साधना उनके करियर में प्रेरणास्त्रोत रही।

रवि की कोचिंग भारत के प्रतिष्ठित कोच सतपाल सिंह के निर्देशन में हुई, जिनके मार्गदर्शन में सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे पहलवान भी प्रशिक्षण पाकर ओलंपिक पदक विजेता बने। रवि दहिया का नाम भी अब ओलंपिक पदक विजेताओं की इस विशिष्ट सूची में शामिल हो गया है।

उनकी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय पहचान 2018 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में आई, जहां उन्होंने 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता।

2019 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की की। रवि एशियाई चैंपियनशिप में भी तीन बार (2018, 2020 और 2021) स्वर्ण पदक जीत चुके हैं, जिससे उनकी निरंतर श्रेष्ठता का प्रमाण मिलता है।

रवि के जीवन का सबसे बड़ा क्षण टोक्यो ओलंपिक रहा, जहां उन्होंने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में रजत पदक जीता। हालांकि फाइनल में मिली हार से वे संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था, “मैं चांदी पर नहीं बैठ सकता। सोना ही मेरा लक्ष्य है।”

टोक्यो ओलंपिक के बाद 2022 में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में रवि ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हालांकि 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए उन्हें अपनी जगह बनाने में सफलता नहीं मिली, रवि अब 57 किग्रा की जगह 65 किग्रा भार वर्ग में उतरकर लॉस एंजल्स ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं।

फ्रीस्टाइल कुश्ती के इस धाकड़ पहलवान से देश को अगले ओलंपिक में स्वर्ण पदक की उम्मीद है। भारत सरकार ने रवि दहिया को उनकी उपलब्धियों के लिए अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री से भी सम्मानित किया है।

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