मौनी अमावस्या 21 जनवरी
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है । इस साल माघ आमवस्या 21 जनवरी को सुबह 06:17 बजे से शुरू होकर देर रात 2:22 बजे तक रहेगी.शनिवार को अमावस्या तिथि पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा मौनी अमावस्या पर इस बार बेहद शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है।
खप्पर योग शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। 17 जनवरी को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में परिवर्तन कर चुके हैं। इस वक्त मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति और त्रिकोण की जो स्थिति बन रही है, उससे खप्पर योग का निर्माण हो रहा है।खप्पर योग के कारण इस दिन छाया दान, काले तिल का दान, काली उड़द का उपाय, शनि रक्षा कवच का पाठ आदि कर सकते हैं. इससे जिन लोगों पर शनि की वक्र दृष्टि है, उनको लाभ मिलेगा. शनि देव उनके दुखों को दूर करेंगे. यह जानकारी ज्योतिषाचार्य एस0एस0 नागपाल द्वारा दी गई है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि कर पूरे दिन मौन रहकर उपवास करते है इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है और तिल, तिल का तेल , आंवला , कम्बल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए। जिनकी कुंडली में पित दोष है उनको पितरों को तर्पण आदि कर दान-दक्षिणा करने से पित दोष से मुक्ति मिलती है । प्रयाग में माघ माह की अमावस्या में त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है।