उप्र की इलेक्ट्रिक बसों का किराया बढ़ा, घाटे को कम करने के लिए प्रबंधन ने लिया निर्णय

कानपुर। इलेक्ट्रिक बसों में यात्रा करने के लिए सोमवार से महंगा हो गया। घाटे को कम करने के लिए कानपुर शहर की ट्रांसपोर्ट कंपनी के प्रबंधन ने किराया बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय नगर विकास निदेशालय के निर्देश पर लिया गया है। इलेक्ट्रिक बसों का न्यूनतम किराया छह से बढ़ाकर ग्यारह रुपये कर दिया गया है।

क्षेत्रीय प्रबंधक परिचालन डी.वी.सिंह ने बताया कि कानपुर शहर में अभी 98 बसें जनपद के विभिन्न मार्गों पर संचालित हो रही हैं। इन बसों के संचालन में घाटा लग रहा है। अब तक यह घाटा सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी से पूरा किया जा रहा है। ई-बसों के घाटे को कम करने की दिशा में यह बढ़ोत्तरी की गई है। ई-बसों के संचालन में एक किमी पर 70 रुपये खर्च आता है। आमदनी 20 रुपये प्रति किमी के हिसाब से हो रही है। 50 रुपये प्रति किमी के नुकसान की भरपाई सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी से होती है।

क्षेत्रीय प्रबंधक परिचालन ने बताया कि निदेशालय के निर्देश पर पूरे प्रदेश में किराया पांच रुपये बढ़ाया गया है। पहले यह किराया पांच रुपये था, पर एक रुपया दुर्घटना मुआवजा का जुड़ता है, जिससे न्यूनतम किराया छह रुपये हो गया था। अब छह किमी तक के सफर के लिए 11 रुपये देने होंगे।

आचार संहिता खत्म होते ही आएगीं 150 और ई-बसें, बनेगा नया चार्जिंग स्टेशन

इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में 150 बसें और शामिल होने जा रही हैं। इन बसों को 28 मार्गों पर चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त गंगा बैराज से मंधना के मध्य नया चार्जिंग स्टेशन बनेगा। अभी अहिरवां के नवीन नगर में चार्जिंग स्टेशन है। 100 किमी चलने पर बसों को दोबारा चार्जिंग के लिए यहां लाना पड़ता है। नया चार्जिंग स्टेशन बनने से इन्हें अहिरवां नहीं जाना पड़ेगा। ई-बसों को चार्ज करने के लिए नए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग की आवश्यकता पड़ेगी।अहिरवां में सौ बसों की पार्किंग पहले की तरह होती रहेगी। मंधना से गंगा बैराज के बीच नया ई-बस डिपो खोलना प्रस्तावित है। पांच एकड़ जमीन मांगी गई है। प्रशासन से जमीन मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

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