धमाके की गूंज और क्रिकेट का तनाव: श्रीलंकाई खिलाड़ी लौटना चाहते हैं, बोर्ड अडिग
इस्लामाबाद में 11 नवंबर को हुए आत्मघाती हमले की गूंज केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि वहां मौजूद श्रीलंकाई खिलाड़ियों के दिल-दिमाग तक पहुंच चुकी है। धमाके में 12 लोगों की मौत और कई घायल होने की खबर ने टीम में एक गहरी असुरक्षा की भावना पैदा कर दी।
कई खिलाड़ियों ने घर लौटने की इच्छा जताई, लेकिन उनकी इस बेचैनी को न तो उनके बोर्ड ने तवज्जो दी और न ही किसी अन्य बड़े क्रिकेटिंग समूह ने आवाज़ दी। खिलाड़ियों के लिए स्थिति इसलिए और भी कठिन हो गई क्योंकि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने साफ निर्देश दिए कि दौरा जारी रखना होगा।
बोर्ड ने यह चेतावनी भी दे दी कि जो भी खिलाड़ी या सपोर्ट स्टाफ आदेश का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ औपचारिक समीक्षा की जाएगी—यानि दबाव किसी धमाके से कम नहीं था।

टीम को उम्मीद थी कि उनके पूर्व खिलाड़ी और दिग्गज उनका साथ देंगे, लेकिन पूर्व कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने भी दौरे को जारी रखने की सलाह देते हुए खिलाड़ियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
उन्होंने एक्स पर लिखा कि उन्हें पाकिस्तान में सेना द्वारा हमेशा बेहतरीन सुरक्षा मिली है, इसलिए दौरा जारी रहना चाहिए—हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा और मानसिक आराम सर्वोपरि हैं और बोर्ड को उनकी आवाज़ सुननी चाहिए।

उधर, धमाके के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी स्थिति की गंभीरता को महसूस करते हुए वनडे सीरीज के शेड्यूल में बदलाव किए।
दूसरा वनडे अब 13 की जगह 14 नवंबर और तीसरा 15 की जगह 16 नवंबर को खेला जाएगा, दोनों रावलपिंडी में। पहला मैच श्रीलंका 6 रन से हार चुका है, लेकिन असली लड़ाई मैदान के बाहर—डर, तनाव और असमंजस से—चल रही है।



