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अडाणी समूह की कंपनियों में विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद स्वतंत्र रूप से निवेश किया: एलआईसी

नई दिल्‍ली : सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बीमा कंपनी के निवेश पर सवाल उठाने वाली द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का खंडन किया है। एलआईसी ने कहा है कि उसके सभी निवेश पूरी ईमानदारी और उचित मापदंडों के तहत किए गए हैं।भारतीय जीवन बीमा निगम ने शनिवार को ‘एक्स’ पोस्‍ट पर जारी बयान में कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश स्वतंत्र रूप से और विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद किया गया है। कंपनी ने कहा कि ऐसा निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार किया गया। एलआईसी ने कहा, ”केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग या किसी अन्य निकाय की ऐसे (निवेश) निर्णयों में कोई भूमिका नहीं होती है।”कंपनी ने कहा कि एलआईसी ने जांच-पड़ताल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया है। इसके सभी निवेश निर्णय मौजूदा नीतियों, अधिनियमों के प्रावधानों और नियामक दिशा-निर्देशों के अनुपालन में, इसके सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में किए गए हैं।कंपनी ने कहा कि द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में छपा कथित बयान एलआईसी की सुव्यवस्थित निर्णय लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने, एलआईसी की प्रतिष्ठा और भारत में वित्तीय क्षेत्र की मजबूत नींव को धूमिल करने के इरादे से दिए गए महसूस होते हैं।”देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने वाशिंगटन पोस्ट के निवेश से जुड़े आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि एलआईसी के निवेश से जुड़े निर्णय बाहरी कारणों से प्रभावित होते हैं, ऐसे आरोप झूठे, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर हैं।उल्‍लेखनीय है कि अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय अधिकारियों ने मई में एक प्रस्ताव तैयार किया। इस प्रस्ताव के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी से लगभग 3.9 अरब डॉलर (करीब 34,000 करोड़ रुपये) की रकम अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश की जानी थी। एलआईसी ने इन दावों को सरासर झूठ करार दिया है।

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