इसरो के अध्यक्ष ने व्योममित्र ह्यूमनॉइड लॉन्च पर दिया अपडेट

राघवेंद्र प्रताप सिंह: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) के अध्यक्ष डॉ. वी नारायणन ने कहा है कि देश का पहला चालकरहित गगनयान परीक्षण उड़ान मिशन जी-वन का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और वे इसे दिसंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत में डॉ. नारायणन ने बताया है कि चालक के साथ एस्केप सिस्टम, पैराशूट मॉड्यूल, संचार प्रणाली और अन्य उप-प्रणालियों पर परीक्षण सफल रहे हैं। व्योममित्र ह्यूमनॉइड दिसंबर में पृथ्वी की निचली कक्षा में चालक रहित गगनयान मिशन में जाएगा। गगनयान का अंतिम चालकयुक्त मिशन वर्ष 2027 के लिए निर्धारित है जिसमें तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री बाहरी अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे और वापस लाए जाएंगे। इसके साथ ही डॉ. नारायणन ने यह भी कहा है कि सात उपग्रहों के समूह के साथ नैविक नेविगेशन सैटेलाइट 2027 तक तैयार हो जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पहला महिलारूपी ह्यूमनॉइड रोबोट अंतरिक्ष में भेजेगा जो अंतरिक्ष अन्वेषण( space-exploration) में मदद करेगा और मानव दल को भेजने से पहले कई पर्यावरण से जुड़े कई अलग-अलग टेस्ट भी करेगा। व्योमित्रा (Vyommitra) भारत का पहला ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसे ISRO ने मानव अंतरिक्ष मिशनों में मदद के लिए विकसित किया है। इंसानों जैसे हावभाव, स्पीच और इंटेलिजेंस वाला व्योमित्रा, भारत के पहले स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम गगनयान का मुख्य हिस्सा है।
ISRO ने व्योमित्रा को 2020 की शुरुआत में पेश किया था। इसका नाम संस्कृत से लिया गया है- “व्योमा” का अर्थ है अंतरिक्ष और “मित्रा” जो है मित्र यानी ‘अंतरिक्ष में मित्र’। इस पहली महिलारूपी ह्यूमनॉइड रोबोट को अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बुद्धिमान, इंसानी की तरह एक साथी (anthropomorphic companion) के रूप में डिजाइन किया गया है जो भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष यान में मेकैनिकल कामों और कम्युनिकेशन से जुड़ी ड्यूटी को संभालेगा।



