प्रदेश में ‘नई पौध’ को अपने अनुभव से सींचेंगे ‘शिक्षक साथी’

  • प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार की पहल
  • इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के माध्यम से स्कूलों व बच्चों की होगी मेंटरिंग
  • सभी जिलाधिकारियों को एक माह में इच्छुक सेवानिवृत शिक्षकों का चयन करने के आदेश 
  • जिला स्तर पर गठित समिति शिक्षक साथीके तौर पर करेगी चयन

लखनऊ, 2 अक्टूबर। प्रदेश के नौनिहालों को बेहतर शिक्षा के जरिए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से सरकार ने ‘शिक्षक साथी’ के तौर पर रिटायर्ड अनुभवी शिक्षकों की सेवाएं लेने का फैसला किया है। ये शिक्षक साथी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा विद्यालयों में बच्चों की मेंटरिंग करेंगे। सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा संचालित विद्यांजलि योजना के तहत पीएम की मंशा के अनुरूप सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसकी शुरुआत की जा रही है। इसके तहत रिटायर्ड शिक्षक, राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता दी जाएगी। प्रदेश सरकार के इस फैसले से न सिर्फ प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को अनुभवी शिक्षकों से सीखने का लाभ मिलेगा, बल्कि अनुभवी शिक्षकों को भी सरकार से जुड़कर सेवा देने का मौका मिलेगा। 

शिक्षण कार्य में होगा सुधार

इस योजना का उद्देश्य स्वयंसेवी लोगों के सहयोग से विद्यालयों में शिक्षण कार्य में सुधार लाना है। इसी क्रम में विद्यालयों में अतिरिक्त अकादमिक अनुसमर्थन प्रदान किए जाने के उद्देश्य से इच्छुक सेवानिवृत्त परिषदीय शिक्षकों (शिक्षक साथी) के माध्यम से विद्यालयों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण किए जाने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने इसके लिए शासनादेश भी जारी कर दिया है और समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह एक माह के अंदर शिक्षक साथी का चयन कराते हुए सूचना राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

होना चाहिए समर्पण भाव

शिक्षक साथी के रूप में उन्हीं रिटायर्ड शिक्षकों का चयन किया जाएगा, जिन्हें परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक या प्रधानाध्यापक के रूप में कम से कम 5 वर्ष का शिक्षण का अनुभव होगा। वही शिक्षक इस कार्य के लिए अनुमन्य होंगे, जो 70 वर्ष की आयु तक शिक्षक साथी बनने को तैयार हों। इसके अलावा स्व इच्छा एवं स्व प्रेरणा से सेवाभाव तथा कार्य के प्रति समर्पण भाव रखते हों। उनका प्रमुख कार्य विद्यालयों को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण प्रदान करने एवं लर्निंग आउटकम के सापेक्ष बच्चों में लर्निंग को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उनसे अन्य कोई कार्य नहीं लिया जाएगा। फिलहाल इनकी संख्या का निर्धारण नहीं किया गया है और सभी योग्य व इच्छुक आवेदनकर्ताओं को इसमें सम्मिलित किया जा सकता है।

एक वर्ष का कार्यकाल, बेहतर परफॉर्मेंस पर नवीनीकरण

शिक्षक साथी का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। प्रत्येक वर्ष परफॉर्मेंस अप्रेजल के आधार पर जनपदीय चयन समिति द्वारा अनुमोदन के पश्चात इनका नवीनीकरण किया जाएगा। प्रत्येक शिक्षक साथी को अनुमन्य मोबिलिटी भत्ता 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से देय होगा। अन्य किसी प्रकार का कोई भत्ता या मानदेय नहीं मिलेगा। शिक्षक साथी चयन के बाद जिला परियोजना कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे। जनपदीय चयन समिति द्वारा विकासखंडवार आकलन करते हुए आवश्यक्ता आधारित विकास खंड का आवंटन किया जाएगा।

निभाने होंगे सभी तरह के दायित्व

शिक्षक साथी द्वारा आगामी एक माह की कार्ययोजना एवं भ्रमण कार्यक्रम जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं डायट प्राचार्य को 28 तारीख तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। प्रतिमाह कम से कम 30 विद्यालयों का प्रेरणा एप के माध्यम से आॅनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन किया जाएगा। दीक्षा एं रीड एलांग एप के प्रयोग के लिए बच्चों व अभिभावकों को प्रेरित किया जाएगा। बच्चों की प्रार्थना सभा, बैठक व्यवस्था, समय सारिणी का प्रयोग, बाल संसद, मीना मंच, पुस्तकालय, खेलकूद जैसी गतिविधियों का अवलोकन एवं मॉडल शिक्षण का प्रदर्शन किया जाएगा।

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