कजाखस्तान में भारतीय मुक्केबाजों का दबदबा, 6 स्वर्ण पदक पर निगाहें
विश्व मुक्केबाजी कप के फाइनल में मीनाक्षी, साक्षी, पूजा रानी, हितेश गुलिया और जुगनू ने शानदार जीत के साथ जगह बनाई।
कजाखस्तान में भारतीय मुक्केबाजी दल ने 11 पोडियम स्थान पक्के किये हैं, जिसमें रविवार को छह स्वर्ण पदक मुकाबले भी हैं।

अभिनाश जामवाल (पुरुष 65 किग्रा) आज ही सेमीफाइनल खेलेंगे जिससे भारत एक और स्वर्ण पदक की दौड़ में होगा। मीनाक्षी ने 48 किग्रा सेमीफाइनल में तुर्की की नर्सलेन याल्गेटकिन को 5-0 से हराकर भारत की जीत का आगाज किया।
साक्षी ने उज्बेकिस्तान की फेरुजा काजाकोवा पर दबदबा बनाया और समान अंतर की जीत से 54 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में पहुंची। ओलंपियन पूजा रानी ने 80 किग्रा वर्ग में तुर्की की एलिफ गुनेरी को पीछे छोड़कर 3-2 के फैसले के साथ फाइनल में जगह बनाई।
नूपुर ने शुक्रवार को 80 किग्रा से अधिक वर्ग में अपना फाइनल स्थान पक्का किया था जिससे चार भारतीय महिला मुक्केबाज फाइनल में आ गई। संजू (60 किग्रा) ने कजाखस्तान की विक्टोरिया ग्राफेयेवा से 0-5 से हारने से पहले कड़ी टक्कर दी और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना होगा।
भारत ने ब्राजील में विश्व मुक्केबाजी कप के पहले चरण में छह पदक जीते थे जिसमें सिर्फ पुरुष मुक्केबाजों ने खेला था। यह पहली बार है कि महिला मुक्केबाज विश्व मुक्केबाजी कप में खेल रही हैं।
ब्राजील चरण के स्वर्ण पदक विजेता हितेश गुलिया पुरुषों के 70 किग्रा वर्ग में फ्रांस के माकन ट्रोरे के खिलाफ पहले दौर के बाद मुश्किल में दिखे। इस मुक्केबाज ने दूसरे राउंड में काफी जोरदार मुक्के मारे और अंतर कम किया।
तीसरे और अंतिम राउंड में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। जुगनू (पुरुष 85 किग्रा) ने इंग्लैंड के टीगन स्कॉट को 5-0 से हराया।



