सौरभ चौधरी: दो साल के अंतराल के बाद दमदार वापसी, पदक की चिंता नहीं, प्रदर्शन पर ध्यान
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो साल के अंतराल के बाद लौटने वाले भारतीय पिस्टल निशानेबाज सौरभ चौधरी ने बोला कि वह पदक जीतने, लक्ष्य निर्धारित करने और उम्मीदों को पूरा करने के लिए अपनी नींद गंवाने की जगह कदम दर कदम आगे बढ़ना चाहेंगे।

उन्होंने कहा कि वह अतीत में भी इन चीजों को लेकर परेशान नहीं थे। भारतीय निशानेबाजी में तेजी से उभरते युवा से लेकर खराब फॉर्म की वजह से गुमनामी में जाने तक इस 22 वर्षीय निशानेबाज ने कम समय में करियर में बड़ा उतार चढ़ाव देखा है।
उन्होंने हाल ही में ब्यूनस आयर्स और लीमा में आईएसएसएफ विश्व कप में कांस्य और स्वर्ण पदक जीतकर शीर्ष स्तर की निशानेबाजी में शानदार वापसी की है।
उन्होंने प्रतिभाशाली सुरुचि सिंह के साथ मिलकर दक्षिण अमेरिका में 10 मीटर मिश्रित टीम एयर पिस्टल प्रतियोगिता में कांस्य और स्वर्ण पदक जीता, जबकि लीमा में 10 मीटर व्यक्तिगत एयर पिस्टल स्पर्धा में तीसरा स्थान भी हासिल किया।
इस निशानेबाज ने सुर्खियों से दूर मेरठ में गुमनामी में मेहनत के साथ राष्ट्रीय टीम में लौटे। चौधरी ने सुरुचि के साथ मिलकर स्वर्ण पदक जीतने के बाद लीमा से एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘मैंने बस कड़ी मेहनत की और कभी-कभी तकनीकी रूप से भी पिस्टल के साथ प्रयोग किया।
मैंने भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है और मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि दूसरे मुझसे क्या उम्मीद कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सिर्फ अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान दे रहा हूँ और अच्छी निशानेबाजी करना चाहता हूं और लगातार सुधार करना चाहता हूं।
जब मैं टीम का हिस्सा नहीं था, तो मुझे समझ नहीं आता था कि मेरे साथ क्या गलत था। लेकिन धीरे-धीरे चीजें बदलने लगी और अब समरेश सर (भारतीय टीम के कोच) अभ्यास सत्र के दौरान मेरी मदद कर रहे हैं।’’ चौधरी ने 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा और उसी वर्ष युवा ओलंपिक में शीर्ष स्थान हासिल कर निशानेबाजी जगत में हलचल मचा दी थी।
आईएसएसएफ विश्व कप और विश्व चैंपियनशिप सहित शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में सफलता के कारण उन्हें टोक्यो ओलंपिक में देश के बड़े पदक संभावना के रूप में देखा गया।
टोक्यो ओलंपिक से भारतीय निशानेबाज खाली हाथ लौटे लेकिन चौधरी देश के एकमात्र निशानेबाज थे जो फाइनल में पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे एनआईएआई के ट्रायल (दिसंबर 2023) में पहली बार महसूस हुआ कि मैं लय हासिल कर रहा हूं।
दूसरे प्रशिक्षण (जनवरी 2024 में) के दौरान मुझे आत्मविश्वास महसूस होने लगा।’’ चौधरी भारतीय निशानेबाजी की वर्तमान स्थिति और कोचिंग व्यवस्था से खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कुछ बहुत अच्छे युवा निशानेबाज हैं जिन्होंने हाल के दिनों मे अपनी प्रतिभा से प्रभावित किया है। अब बहुत सारे कोच हैं और व्यवस्था मजबूत है।’’



