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श्रद्धा और विश्वास का यह विशाल समागम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत और जीवंत प्रतीकः राष्ट्रपति

महाकुम्भ नगर। मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर एक बार फिर आस्था का महासागर उमड़ा है। महाकुम्भ के इस अलौकिक वातावरण में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त कर श्रद्धालु खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस पावन अवसर का लाभ उठाते हुए संगम स्नान किया और अपनी भावनाएं साझा करते हुए समूचे राष्ट्र की समृद्धि, सुख और शांति की कामना की। त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा कीं।

महाकुम्भ मानवता को एकता और आध्यात्मिकता का दे रहा संदेश

उन्होंने कहा, ‘प्रयागराज महाकुम्भ के अलौकिक वातावरण में मां गंगा, यमुना और अंतः सलिला सरस्वती के पावन संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्रद्धा और विश्वास का यह विशाल समागम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत और जीवंत प्रतीक है। महाकुम्भ मानवता को एकता और आध्यात्मिकता का संदेश देता है। मां गंगा से मेरी प्रार्थना है कि वे सब पर अपनी कृपा बनाए रखें और सभी के जीवन में सुख और शांति का संचार करती रहें।

परिजन भी रहे साथ

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महामहिम ने संगम स्नान की अपनी तस्वीरें भी साझा कीं, जिसमें वह पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ त्रिवेणी संगम पर पू्जा अर्चना और स्नान करती नजर आ रही हैं। त्रिवेणी संगम में स्नान के दौरान उनके परिजन भी साथ रहे। स्नान के बाद राष्ट्रपति ने संगम का दुग्धाभिषेक भी किया और आरती भी उतारी। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर राष्ट्रपति एवं उनके परिवार को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) भी उपहार स्वरूप भेंट किए।

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