यूपी में तेजी से घट रहे संक्रमण के मामले, बेहतर हो रही चिकित्सा सुविधा
- प्रदेश में 336 ऑक्सीजन प्लांट हुए क्रियाशील
- प्रदेश सरकार अपना रही प्रो-एक्टिव नीति, 6700 बेड हुए तैयार
- यूपी से कम आबादी वाले प्रदेशों में नहीं घट रहे सक्रिय केस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कम होते संक्रमण के बीच योगी सरकार लगातार प्रदेश में चिकित्सा सुविधा को बेहतर करने में जुटी है। योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर पर लगाम लगाने के साथ ही प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं मिले इस पर तेजी से कार्य कर रही है। जिसके तहत प्रदेश में बेड की संख्या, ऑक्सीजन प्लांट, मेडिकल कॉलेजों की संख्या में तेजी से इजाफा किया जा रहा है। साल 2017 से पहले बीमार पड़ी चिकित्सीय सुविधाओं को दूरूस्त करने का काम योगी सरकार ने महज साढ़े चार सालों में तेजी से किया है।
संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अब तक पूरे प्रदेश में 336 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किए जा चुके हैं। प्रदेश में लगभग 552 ऑक्सीजन प्लांट को क्रियाशील करने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है। इन सभी ऑक्सीजन प्लांट के सक्रिय होने से भविष्य में भी प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) और नियोनेटल आईसीयू (नीकू) का कार्य पूरा किया जा रहा है।
प्रदेश में 6700 बेड तैयार, प्रदेश सरकार अपना रही प्रो-एक्टिव नीति
यूपी में कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मे आइसोलेशन और आइसीयू 6,700 बेड स्थापित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ को संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिसमें 5,000 से अधिक डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने का एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसके तहत 8700 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
यूपी की तुलना में दूसरे प्रदेशों के हालात बेकाबू
दूसरे राज्यों में यूपी की तुलना में कई गुना ज्यादा नए केस रोजाना आ रहे हैं वहीं, सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में लिए गए निर्णयों से प्रदेश में सक्रिय केसों की संख्या तेजी से घटी है। आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश से काफी कम आबादी वाले अन्य राज्यों में अब भी संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सका है। सक्रिय केसों की बात करें तो जहां यूपी में सक्रिय केस 352 हैं वहीं महाराष्ट्र में 49,924, केरल में 1,54,581, कर्नाटक में 20,255, तमिलनाडु में 18,887, आंध प्रदेश में 14,159, उड़ीसा में 7,885, असम में 6,648, पश्चिम बंगाल में 9,336, तेलंगाना में 6,308 कुल कोरोना के एक्टिव केस दर्ज किए गए।
बीते 24 घंटों में 28 नए केस किए गए दर्ज
यूपी में बीते 24 घंटों में डेढ़ लाख से अधिक टेस्टिंग में 28 नए संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। कम होते संक्रमण के बीच प्रदेश में लगातार टेस्टिंग और टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। जिसका परिणाम है कि आज देश के दूसरे प्रदेशों की तुलना में यूपी में सर्वाधिक जांच और टीकाकरण किया गया है। यूपी में सक्रिय केस और दैनिक केस की संख्या भी अन्य प्रदेशों की तुलना में कम है। अब तक 07 करोड़ 08 लाख 85 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 फीसदी है। वहीं पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी दर्ज की गई।