दर्शकों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी चुलबुली श्रीदेवी

दर्शकों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी चुलबुली श्रीदेवी

मुंबई।  दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी आज हमारे बीच नहीं हैं,लेकिन अपने अभिनय की अमिट छाप जो उन्होंने दर्शकों के दिलों पर छोड़ी है। उनकी यादें आज भी दर्शकों के जहन में मौजूद हैं। दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी बॉलीवुड की उन ख़ूबसूरत और मशहूर अदाकाराओं में से एक थीं, जिन्होंने अभिनय के क्षेत्र में न सिर्फ अपना लोहा मनवाया बल्कि उन्होंने इस क्षेत्र में सफलता की उचाईयों को भी छुआ। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया और दर्शकों के दिलों में अपनी खास पहचान बनाई।

13 जनवरी,1963 को जन्मी श्रीदेवी का असली नाम श्री अम्मा यंगर अय्यपन है। भारतीय सिनेमा की पहली सुपस्टार कही जाने वाली श्रीदेवी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत महज चार साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट तमिल फिल्म ‘कंधन करुणाई’ से की थी। साल 1971 में आई मलयालम फिल्म पूमबत्ता के लिए श्रीदेवी को केरला स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने इस दौरान कई तमिल-तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम किया। साल 1972 में श्रीदेवी ने फिल्म रानी मेरा नाम से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म में श्रीदेवी को मशहूर अभिनेता अशोक कुमार के साथ अभिनय करने का मौका मिला था। साल 1979 में आई फिल्म ‘सोलहवां सावन’ बतौर मुख्य अभिनेत्री बॉलीवुड में श्रीदेवी की पहली फिल्म थी। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली साल 1983 में आई फिल्म ‘हिम्मतवाला’ से। इस फिल्म में श्रीदेवी अभिनेता जितेन्द्र के अपोजिट मुख्य भूमिका में नजर आईं। फिल्म में श्रीदेवी के अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसके साथ ही श्रीदेवी उस समय बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल हो गई। उस समय का हर बड़ा निर्माता श्रीदेवी को अपनी फिल्मों में लेना चाहता था। श्रीदेवी को लगातार कई फिल्मों के ऑफर मिल रहे थे। बॉलीवुड में उनके नाम का सिक्का चलने लगा था और बड़े पर्दे पर उनकी एक के बाद एक कई फिल्में रिलीज होने लगी थी। श्रीदेवी की प्रमुख फिल्मों में तोहफा, सदमा, नगीना, मिस्टर इंडिया,चालबाज,चांदनी,खुदा गवाह, लाडला, मिस्टर बेचारा, जुदाई, इंग्लिश विंग्लिश, मॉम आदि शामिल हैं।श्रीदेवी को सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वहीं भारत सरकार ने भी साल 2013 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।

श्रीदेवी का करियर जब उचाईयों पर था तभी उन्होंने साल 1996 में निर्माता बोनी कपूर से शादी कर ली। हालांकि बोनी कपूर पहले से शादीशुदा थे,लेकिन श्रीदेवी के प्यार में वह इतने खो गए थे कि उन्होंने श्रीदेवी से शादी करने के लिए अपनी पहली पत्नी से तलाक ले लिया था। वहीं श्रीदेवी भी बोनी कपूर के प्यार में इस कदर खो गई थी कि वह शादी से पहले ही प्रेग्नेंट हो गईं थी। श्रीदेवी और बोनी कपूर की दो बेटियां हैं जाह्नवी कपूर, जो कि एक अभिनेत्री के तौर पर बॉलीवुड में कायम हो चुकी हैं और दूसरी बेटी है ख़ुशी कपूर।

श्रीदेवी की मृत्यु 24 फरवरी 2018 को दुबई के एक होटल में बाथटब में डूबने से हुई। आज भी इस बात पर यकीन करना मुश्किल होता है कि फिल्मों में अपने अभिनय से हर तरह के किरदार को जीवंत बना देने वाली श्रीदेवी हमारे बीच नहीं हैं।

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