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नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा भारत: डॉ जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार भारत की विकास यात्रा के प्रमुख स्तंभ बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्थान कम समय में देश के वैज्ञानिक क्षेत्र में नई पहचान और नई ऊर्जा का केंद्र बन गया है।वैज्ञानिक और अभिनव अनुसंधान अकादमी (एक्सआईएसआईआर) के नौवें दीक्षांत समारोह में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि साल 2023 में शुरू किया गया आई- पीएचडी कार्यक्रम एक ऐसा शैक्षणिक मॉडल है जो कल्पना, नवाचार और उद्योग को सीधे शोध से जोड़ता है। आई-पीएचडी का आई केवल उद्योग ही नहीं बल्कि कल्पना और नवाचार का भी प्रतीक है। हर शोधार्थी को ऐसी तकनीक विकसित करनी होती है जो शोध को उद्योग, समाज या स्टार्टअप से जोड़े।डॉ सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक और अभिनव अनुसंधान अकादमी महज एक दशक में देश के तेजी से विकसित हो रहे वैज्ञानिक संस्थानों में शामिल हो चुकी है। संस्थान में लगभग सात हजार छात्र और तीन हजार से अधिक वैज्ञानिक उनहत्तर परिसरों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह संस्थान सीएसआईआर, आईसीएमआर, डीएसटी, आईसीएआर और एमओईएस जैसी राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थाओं को एक मंच पर लाने वाला साझा राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बन चुका है।उन्होंने कहा कि अकादमी की स्थापना अपने आप में साहसिक कदम था जिसने पारंपरिक अकादमिक ढांचे से बाहर निकलकर शोध के लिए नई दिशा प्रदान की। युवा शोध, नवाचार और स्टार्टअप को करियर विकल्प के रूप में अपना रहे हैं और यह भारत के वैज्ञानिक भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।उन्होंने कहा कि भारत तेजी से नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक प्रगति विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग पर आधारित होगी और अकादमी के शोधार्थी इस परिवर्तन के महत्वपूर्ण वाहक बनेंगे।उन्होंने कहा कि संस्थान ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। एनआईआरएफ 2025 में शोध श्रेणी में नौवां स्थान, सीडब्ल्यूयूआर में शीर्ष साढ़े तीन प्रतिशत, नेचर इंडेक्स में दसवां और स्किमैगो 2025 में नौवां स्थान अकादमी की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। संस्थान ने पच्चीस हजार से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं और वर्ष 2024 में आठ सौ इकतीस पीएचडी प्रदान की हैं।अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत अकादमी ने ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिनलैंड और कई अन्य देशों के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ संयुक्त अनुसंधान, द्वि डिग्री कार्यक्रम और वैश्विक शोध सुविधाओं तक पहुंच को मजबूत किया है।समारोह में चांसलर प्रो पी बालाराम, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल, सीएसआईआर महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

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