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एटीएस ने मान्यता प्राप्त मदरसों की मांगी जानकारी, गरमाया उत्तर प्रदेश का राजनीतिक माहौल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मदरसों को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। यूपी एटीएस के निर्देश के बाद फतेहपुर जिले में संचालित सरकारी और गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच शुरू हो गई है। इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।

फतेहपुर के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी प्रशांत साहू ने ATS द्वारा मांगी गई विस्तृत जानकारी के तहत मदरसों को नोटिस जारी कर शिक्षकों, छात्रों और उनके अभिभावकों के मोबाइल नंबर सहित पूरी डिटेल तत्काल जमा करने के निर्देश दिए हैं।

जिला अल्पसंख्यक अधिकारी प्रशांत साहू ने बताया कि दो दिन पूर्व उन्हें यूपी एटीएस से मदरसों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी गईं। इसके बाद जनपद के समस्त मदरसों के प्रिंसिपल को निर्देश दिए गए हैं कि वे निम्नलिखित डिटेल तुरंत विभाग में जमा करें।

अधिकारियों का कहना है कि मदरसों के प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता लाने और रिकॉर्ड की सटीकता सुनिश्चित करने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। इस संबंध में, संबंधित पुलिस थानों और खुफिया यूनिट्स को भी मदरसों से करीबी संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार एटीएस ने प्रयागराज, प्रतापगढ़, शामली, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा समेत राज्य के अलग-अलग जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को लेटर लिखकर मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों और प्रबंधकों के नाम, पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर समेत डिटेल जानकारी मांगी है।

अब यह भी बताना जरूरी होगा कि मदरसे में उत्तर प्रदेश के बाहर के राज्यों से कितने प्रधानाचार्य और छात्र हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर से कितने शिक्षक और छात्र हैं. इन डिटेल्स के अलावा, मदरसे को प्राप्त किसी भी खास चंदे की डिटेल भी देनी होगी।

इस बीच, ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदरसा अरबिया के उपाध्यक्ष मौलाना तारिक शम्सी का कहना है कि इस वक्त देश की अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में डर और दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है और इस संबंध में एटीएस के माध्यम से मदरसों से भी जानकारी मांगी गई है।

हालांकि, भाजपा ने सरकार के इस कदम को सही ठहराया है। बीजेपी के प्रवक्ता आनंद दूबे ने कहा कि मदरसों को लेकर जो कार्रवाई की जा रही है वह सुरक्षा के लिहाज से ठीक है। विपक्ष जानबूझकर इस मामले को तूल दे रहा है।

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