फिलीपींस को एशियन खो-खो फेडरेशन ने दी मान्यता
सिंगापुर : एशियन खो-खो फेडरेशन (एकेकेएफ) ने आधिकारिक रूप से खो-खो एसोसिएशन ऑफ फिलीपींस को अपनी नवीनतम सदस्य इकाई के रूप में मान्यता दी है। यह घोषणा पारंपरिक भारतीय खेल खो-खो के वैश्विक विस्तार में एक और मील का पत्थर साबित हुई है।
यह मान्यता इस तेज़-तर्रार टैग गेम की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता को दर्शाती है, जो अब महाद्वीपों के पार खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है। भारत में सदियों से खेले जा रहे खो-खो ने पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक स्वरूप ग्रहण किया है—संगठित लीगों और इस वर्ष आयोजित हुए पहले विश्व कप के माध्यम से।
फिलीपींस को एकेकेएफ की सदस्यता मिलने से यह साबित होता है कि एशिया सहित विश्वभर में इस खेल की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है। अब अधिकाधिक देश अपने-अपने राष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों में खो-खो को शामिल कर रहे हैं और इसकी संस्थागत संरचना विकसित कर रहे हैं।

एशियन खो-खो फेडरेशन के अध्यक्ष अस्लम शेर खान ने कहा, “फिलीपींस के एशियन खो-खो फेडरेशन में शामिल होने के साथ ही हम एक और देश को खो-खो की भावना, फुर्ती और टीम भावना को अपनाते हुए देख रहे हैं। यह विस्तार हमारे साझामिशन को दर्शाता है — खो-खो को एक सच्चा वैश्विक खेल बनाना और एशिया भर में इसे फैलाना।”
फिलीपींस अब उन देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गया है जो एशिया में खो-खो के विकास में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इन देशों में पहले से भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, भूटान, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और वियतनाम शामिल हैं।
स्थानीय कोच और खिलाड़ी पहले से ही प्रशिक्षण सत्रों और कार्यशालाओं में भाग ले रहे हैं ताकि भविष्य में खेल की मजबूत नींव रखी जा सके। खो-खो एसोसिएशन ऑफ फिलीपींस की अध्यक्ष मरियन एलेनआर. डीचावेज़ ने कहा, “फिलीपींस में खो-खो अभी हमारे स्थानीय समुदायों में विकसित हो रहा है और हमें खुशी है कि अधिक लोग इस खेल को खोज रहे हैं।
एशियन खो-खो फेडरेशन की मान्यता से हमें खो-खो को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली है। हम आशा करते हैं कि एक दिन हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यह फिलीपींस में इस पारंपरिक खेल के विकास की शुरुआत भर है।” फिलीपींस में खो-खो फिलहाल शुरुआती चरण में है, जहां लगूना प्रांत के दो स्थानीय समुदाय इस खेल को नियमित रूप से खेल रहे हैं।
विभिन्न समुदायों के 50 से अधिक खिलाड़ी इस खेल में भाग ले रहे हैं, और राष्ट्रीय संघ इस वर्ष दिसंबर में देश की पहली राष्ट्रीय खो-खो चैम्पियनशिप आयोजित करने की तैयारी में है।
अंतरराष्ट्रीय खो-खो फेडरेशन (आईकेकेएफ) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, “फिलीपींस को एशियन खो-खो फेडरेशन की मान्यता मिलना हमारे उस दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है जिसमें हम खो-खो को एक सच्चा वैश्विक खेल बनाना चाहते हैं। हमें गर्व है कि और भी देश इस भारतीय खेल को अपना रहे हैं और अपने खिलाड़ियों को इसकी गति, कौशल और भावना का अनुभव करने का अवसर दे रहे हैं।
फिलीपींस जैसे देशों का उत्साह हमारे इस विश्वास को और मजबूत करता है कि खो-खो खेल के माध्यम से संस्कृतियों को जोड़ने की क्षमता रखता है।”
जैसे-जैसे खो-खो अपने भारतीय मूल से आगे बढ़ते हुए एक अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में विकसित हो रहा है, एशियन खो-खो फेडरेशन इसकी पहुंच का विस्तार करने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने और सभी पृष्ठभूमि के खिलाड़ियों के लिए अवसर सृजित करने के अपने मिशन पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है।



